बारिश की बूंदें होती हैं छोटी पर भारी पड़ जाती हैं।
एक संग जब मिल कर गिरती सारी धरा डुबाती हैं।।
किसी को छोटा मत समझो तुम वो भारी पड़ जायेगा।
संगठित वो होकर युद्ध किया तो विजय श्री पा जाएगा।।
लगातार झमझम बारिश ने सारे शहरों को डुबो दिया।
अपने छोटे पन का उसने अहसास सभी को करा दिया।।
जीवों में सबसे छोटी होती चींटी बड़ा काम कर जाती है।
भारी भरकम हाथी को भी पल भर में मार गिराती है।।
कोरोना वाइरस था छोटा पर सारे विश्व को हिला दिया।
बड़े बड़े दिग्गज टकराए धरती पर सबको सुला दिया।।
तोपें एटम बम धरे रह गए कुछ भी काम नहीं आए।
रुपया पैसा और डाक्टर कुछ भी उसका ना कर पाए।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
आँचल सोनी 'हिया'
13-Oct-2022 12:44 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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Nancy
12-Oct-2022 07:17 PM
Nice
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Raziya bano
12-Oct-2022 05:15 PM
Behtareen
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